GST COMPOSITION SCHEM IN HINDI

GST Composition Scheme की जानकारी दीजिये हिंदी में? कम्पोजीशन स्कीम के लिए कौन apply कर सकता हैं और इस स्कीम के क्या फायदे है? Composition Scheme में Tax Rate क्या रहेगी?
1 Jan 2018 Updated:- कम्पोजीशन स्कीम की टर्नओवर लिमिट 1.5 करोड़ रूपये और कुछ North-East राज्यों में 75 लाख रूपये कर दी गई हैं| इसके साथ ही Manufacturer के लिए कम्पोजीशन स्कीम Rates 2% से कम कर 1% कर दिया गया है|

Composition Scheme क्या है?

G.S.T में छोटे व्यवसाय जिनका टर्नओवर 20 लाख रूपये (आसाम और उत्तर-पूर्वी राज्यों में 10 लाख रूपये) तक के हैं उन्हें जीएसटी का भुगतान करने और रजिस्ट्रेशन लेने की आवश्यकता नहीं हैं| इसी प्रकार ऐसे छोटे और माध्यम आकर के व्यवसाय जिनका वार्षिक सेल या टर्नओवर 1.5 करोड़ रूपये और कुछ उत्तर-पूर्वी राज्यों में 75 लाख रूपये तक हैं उनके लिए G.ST को सरल करने के लिए कम्पोजीशन स्कीम हैं जिसके तहत व्यवसायी एक निश्चित अवधि की कुल सेल पर सीधा फिक्स रेट से टैक्स दे सकेंगे और उन्हें वर्ष में केवल 5 रिटर्न भरने की आवश्यकता होगी|

Composition Scheme के लिए कौनसे व्यवसाय Eligible (योग्य) हैं?

कम्पोजीशन स्कीम एक वैकल्पिक व्यवस्था हैं| ऐसे व्यवसाय (मैन्युफैक्चरर, ट्रेडर एंव रेस्टोरेंट) जिनका वार्षिक टर्नओवर 1.5 करोड़ रूपये तक हैं वे सामान्य रूप से GST देने की बजाय इस Composition Scheme को चुन सकते हैं | अगर व्यवसाय उत्तर-पूर्वी राज्य (Assam, Arunachal Pradesh, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Tripura, Sikkim and Himachal Pradesh) में स्थित हैं तो यह सीमा 75 लाख रूपये तक हैं|
निर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) में कम्पोजीशन स्कीम, तम्बाकू और आइसक्रीम निर्माताओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं सेवा क्षेत्र (Service Sector) में कम्पोजीशन स्कीम केवल रेस्टोरेंट व्यवसाय के लिए ही उपलब्ध हैं|कम्पोजीशन स्कीम में Tax Rate कितनी हैं?कम्पोजीशन स्कीम में व्यवसायी को कुल बिक्री का एक निश्चित प्रतिशत GST के रूप में जमा करवाना होगा और इस स्कीम में व्यवसायी को ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए GST की इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा| कम्पोजीशन स्कीम के तहत ट्रेडर को 1%, निर्माता को 1% और रेस्तरां मालिक को 5% की फिक्स्ड रेट से GST का भुगतान करना पड़ेगा|

Composition Scheme के व्यवसाय को कौनसे GST Return फाइल करने होते हैं और उसकी Due Date क्या है?

कम्पोजीशन स्कीम के व्यवसायों को वर्ष में कुल 5 Return फाइल करने होंगे जिसमें से 4 Return त्रेमासिक और 1 Return वार्षिक होगा:-
GSTR-4 (त्रैमासिक विवरण – Quarterly ) – तीन महीने समाप्ति के अगले महीने की 18 तारीख और 
GSTR – 8 (वार्षिक विवरण – Annual) – अगले वित वर्ष के 31 दिसंबर

कम्पोजीशन स्कीम के फायदे (Benefits)

  • व्यवसायों को कम दर से टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा|
  • व्यवसायों को हर महीने 3 Return की जगह तीन महीने में केवल एक बार quarterly return (त्रेमासिक रिटर्न) फाइल करना होगा|
  • कम्पोजीशन स्कीम के व्यवसायों के लिए Detailed Invoice की आवश्यकता नहीं होगी केवल the bill of supply ही काफी होगा|
  • छोटे व्यवसायों को Return में HSN कोड की जानकारी नहीं देनी पड़ेगी|
  • GST से सम्बंधित अन्य Compliance भी आसान होगी|

कम्पोजीशन स्कीम के नुकसान (Demerits of Composition Scheme)

व्यवसायों के लिये कम्पोजीशन स्कीम एक विकल्प हैं जिनका उपयोग वे चाहें तो कर सकते हैं नहीं तो वे सामान्य टैक्स व्यवस्था की पालना कर सकते हैं| इसलिए कम्पोजीशन स्कीम को चुनते समय अच्छे से विश्लेषण कर लेना चाहिए क्योंकि इस स्कीम का सबसे बड़ा नुकसान यह हैं कि आप ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए GST की Input Credit नहीं ले सकते| इसके साथ साथ आप बिल में भी GST अलग से नहीं दिखा सकते इसलिए आपके Customer भी आपके द्वारा बेचे गए माल पर इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं ले सकेंगे|
ज्यादात्तर व्यवसायों के लिए कम्पोजीशन स्कीम फायदेमंद ही होती हैं क्योंकि इसमें बहुत ही कम रेट से टैक्स देना होता हैं| लेकिन कुछ व्यवसाय जिनके Input credit की मात्र अधिक होती हैं या फिर वे आगे Credit pass on करना चाहते हैं उनके लिए यह स्कीम नुकसानदायक भी हो सकती हैं|

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